माधुरी 15 मई 1967 में मुंबई की एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई थी। जब वो तीन साल की थी, तभी से उन्हें डांस का शॉक था। उनके स्कूल में वो अपनी डांस और नाटकों में अभिनय के लिए जानी जाती थी। उसी स्कूल में उनकी बड़ी बेहेन भी पढ़ा करती थी। उनकी बड़ी बेहेन की दोस्त के पिताजी 'गोविन्द जी ','राजश्री प्रोडक्शंस ' के लिए काम करते थे।
जब उनको माधुरी की टैलेंट के बारे में पता चला तभ उन्होंने,माधुरी से कहा की 'राजश्री प्रोडक्शंस ' एक नयी फिल्म बना रही हैं और उसके लिए उन्हें एक नया, युवा,मासूम चेहरा चाइये था। माधुरी बोहोत को खुश थी लेकिन उनके माता ,पिता यह स्वीकार नहीं था। वो चाहते थे की उनकी बेटी अच्छी सी पढाई करे नाकि यह काम।
गोविंद जी ने माधुरी के माता-पिता से राजश्री प्रोडक्शन के मालिक से मिलने के लिए कहा था ,ताकि शायद वे अपना मन बदल लेते हैं, कार्यालय जाने के बाद उन्हें लगा कि वो एक घर में थे और नहीं फिल्मी घरो में। राजर्षि प्रोडक्शन के मालिक के बेबहार सबको पसंद आया। उन्होंने माधुरी जी को हिंदी में एक किताब से कुछ पंक्तियां पढ़ने के लिए कहा था, ताकि उनका पड़ने का अंदाज़ जान सके।
फिर बाद में एक उचित स्क्रीन टेस्ट के साथ ही साथ उनको डांस करने के लिए भी कहा गया था। उसके बाद उन्हें पहली बॉलीवुड में काम किया जिसका नाम था 'अबोध' जिसके बिपरीत बंगाली एक्टर तपश पल को नियोग किया गया था। लेकिन वो फिल्म हिट नहीं हुआ था। फिर कुछ और फिल्मो के बाद जभ उन्हें 'तेज़ाब'फिल्म में काम किया था तभी वो बॉलीवुड में एक उच्चे मुकाम में पहुँच गयी थी। उनको वो एक ,दो ,तीन वाला गाना आज भी बिख्यात हैं। जिसके वजेसे उनको 'मोहिनी' के नाम से भी जाना जाता हैं।
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जब उनको माधुरी की टैलेंट के बारे में पता चला तभ उन्होंने,माधुरी से कहा की 'राजश्री प्रोडक्शंस ' एक नयी फिल्म बना रही हैं और उसके लिए उन्हें एक नया, युवा,मासूम चेहरा चाइये था। माधुरी बोहोत को खुश थी लेकिन उनके माता ,पिता यह स्वीकार नहीं था। वो चाहते थे की उनकी बेटी अच्छी सी पढाई करे नाकि यह काम।
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फिर बाद में एक उचित स्क्रीन टेस्ट के साथ ही साथ उनको डांस करने के लिए भी कहा गया था। उसके बाद उन्हें पहली बॉलीवुड में काम किया जिसका नाम था 'अबोध' जिसके बिपरीत बंगाली एक्टर तपश पल को नियोग किया गया था। लेकिन वो फिल्म हिट नहीं हुआ था। फिर कुछ और फिल्मो के बाद जभ उन्हें 'तेज़ाब'फिल्म में काम किया था तभी वो बॉलीवुड में एक उच्चे मुकाम में पहुँच गयी थी। उनको वो एक ,दो ,तीन वाला गाना आज भी बिख्यात हैं। जिसके वजेसे उनको 'मोहिनी' के नाम से भी जाना जाता हैं।
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