सबको याद होगा वो बचपन के दिन जब पुरे मोहल्ले में किसी एक घर पर टीवी हुआ करती थी और सब एकसाथ बैठकर पुरे फिल्म की मज़ा लेते थे। बॉलीवुड के फिल्में में कुछ ना कुछ तोह बात हैं, जिससे 2 - 3 घंटे फॅमिली और रिश्तेदारों के साथ आराम से गुजर जाती हैं। लेकिन वो भी बोहोत पुराने ज़माने की बात हैं ,ज़माना बदल गया हैं और बॉलीवुड के फिल्में भी। आजकल बोहोत से ऐसे फिल्में बने हैं, जो आप कभी भी अपने फॅमिली के साथ बिलकुल भी नहीं देख सकते। आज ऐसे ही 10 फिल्मो के बारे में बताने जा रहा हूँ।
1. हंटरर
यह फिल्म पूरा नये ज़माने के बारे में हैं। देश के युवा ओ के लिए। इसमें संवेदनशील मामले जैसे सेक्स की लत ,पूर्व वैवाहिक सेक्स जैसी चीज़ो से भरी हुई हैं। ऐसी फिल्म फॅमिली के साथ देखना बोहोत की अशुभिदाजनक होगी।
2. मस्ती ( ग्रैंड मस्ती ,ग्रेट ग्रैंड मस्ती )
मस्ती के सारे फिल्में बोहोत ही फनी हैं। हस्ते हस्ते सबकी हालत ख़राब हो जाती हैं। पर यह फिल्म एडल्ट कॉमेडी से भरपूर हैं ,जिसके कारन फॅमिली के साथ देखना तोह बोहोत दूर की बात हैं।
3. दिल्ली बेल्ली
यह फिल्म पूरा अलग हैं ,100 प्रतिशद बर्तमान ज़माने के हलचल ओ के ऊपर ,जिसमे गाली गलौज इतनी मात्रा में भरी परी हैं की हर एक सिन में आप अपना सीट से उठ जाओगे।
4. देव डी
अनुराग कश्यप के बनायीं यह फिल्म के कहानी बोहोत ही अच्छे हैं ,और पुरे देश में कुछ नया हैं। पर इस फिल्म के कुछ सिन फॅमिली के साथ कभी भी देखने के लिए नहीं बनी हैं।
1. हंटरर
यह फिल्म पूरा नये ज़माने के बारे में हैं। देश के युवा ओ के लिए। इसमें संवेदनशील मामले जैसे सेक्स की लत ,पूर्व वैवाहिक सेक्स जैसी चीज़ो से भरी हुई हैं। ऐसी फिल्म फॅमिली के साथ देखना बोहोत की अशुभिदाजनक होगी।
2. मस्ती ( ग्रैंड मस्ती ,ग्रेट ग्रैंड मस्ती )
मस्ती के सारे फिल्में बोहोत ही फनी हैं। हस्ते हस्ते सबकी हालत ख़राब हो जाती हैं। पर यह फिल्म एडल्ट कॉमेडी से भरपूर हैं ,जिसके कारन फॅमिली के साथ देखना तोह बोहोत दूर की बात हैं।
3. दिल्ली बेल्ली
यह फिल्म पूरा अलग हैं ,100 प्रतिशद बर्तमान ज़माने के हलचल ओ के ऊपर ,जिसमे गाली गलौज इतनी मात्रा में भरी परी हैं की हर एक सिन में आप अपना सीट से उठ जाओगे।
4. देव डी
अनुराग कश्यप के बनायीं यह फिल्म के कहानी बोहोत ही अच्छे हैं ,और पुरे देश में कुछ नया हैं। पर इस फिल्म के कुछ सिन फॅमिली के साथ कभी भी देखने के लिए नहीं बनी हैं।
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